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लेखनी प्रतियोगिता -30-Jun-2023 " महंगाई डायन"

"महंगाई डायन"

जिनको जुटाना है मुश्किल 
दो वक्त की रोटी भी यहाँ पर, 
बड़ती महंगाई ने उनकी कमर
अब और तोड़ कर रख डाली है....!! 

पैर अपने पसारे है 
महंगाई ने चारों तरफ़ा से, 
सूल से चुभ रहे हैं वो
हमारी जेब के कोने कोने में....!! 

करो कुछ बात इससे भी 
उठाओ आवाज सब मिलकर, 
देखते कब तक रहोगे तुम 
बने सब मूँक दर्शक से....!! 

रहा यह हाल ऐसा तो  
मुमकिन वह दिन दूर नहीं होगा, 
पहुंच से दूर होगा अनाज 
सब्जियां ना हाथ आएंगी....!! 

गरीबी पर हो रहा है वार
जुटाये भला कैसे अपने लिए आहार, 
सुबह से शाम तक कर मेहनत 
रोटी वो ना थाली भर पाएँ....!! 

बात नित्य यहाँ हो रही ऐसी
खाओ अनाज मोटा तुम सभी, 
ना मोटा है ना पतला है 
गरीब तो दो जून की रोटी में पिसता है....!! 

धनवान और धनवान बन रहा
तिजोरी दिन पर दिन अपनी भर रहा
गरीब नंगा और भूखा यहाँ पर जल रहा
कौन है जो कुर्सियों पर बैठा को समझाएं...!!

निकल कर देखो तो बाहर 
व्हाट्सएप और फेसबुक की दुनिया से
जानने की करो कोशिश जरा
जो रहते हैं झोपड़ और झुग्गियों में...!!

हालात बहुत कुछ अच्छे नहीं है
हमारे देश की आर्थिक स्थिति के
आर्थिक स्थिति को करो सुदृढ़
ताकि कोई भूखा यहां ना सो पायें...!!

मिले सबको यहां भोजन
लगे लगाम महंगाई पर
नहीं तो भुखमरी से लोग
हार बैठेंगे बहुत से जिंदगी अपनी...!! 

मधु गुप्ता "अपराजिता"




 

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7 Comments

Gunjan Kamal

03-Jul-2023 06:37 AM

👏👌

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बेहतरीन अभिव्यक्ति

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बहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏

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Abhinav ji

01-Jul-2023 08:00 AM

Very nice 👍

Reply

Thank you so much🙏🙏

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